The words from a Doctor for the "awesome & astounding thanks giving" to all the people of Bharat & it's Defense Forces.
आज ये कैसा दिन आया जब चुई चेहरे को सूरज की पहली किरण,
जैसे वो स्पर्श से बोल रही थी लाए हम खुशियां बिना किसी कारण।
हर दम झूंझ रहे थे हम छीन लें मरीजों के मूह से उनका यह मरण,
महामारी की इस गंभीर स्तिथि पर काबू करें और लाए उसपर नियंत्रण।
चालीस दिनों में पहली बार निकले बाहर खुले में सांस लेने को
बाहर पैर रखते ही देखा एक सुसज्जित सेना की टुकड़ी को।
अपनी टीम भी पहुंची, लोग भी पहुंचे देखने इस अद्भुत नजारे को,
तभी ठाठ से बैंड के साथ सैल्यूट दिया सेना दल ने हम सभियों को।
देखते ही देखते पुष्प बरसाए आसमान से वायु सेना की टुकड़ी ने,
बीच समुंदर के लहरों से भेजी कृतज्ञता नव सेना कि टुकड़ी ने।
पहली बार अद्भुत तरीके से इतना प्यार भरा सम्मान पाया हमने,
अकेले नहीं आपके परिवार सदस्य है हम ये एहसास दिलाया आपने।
नम हो गईं आंखें इस इज्जत व हौसला आफ़ज़ाई पा कर,
थके हारे वैद्य जीवों में नई जान फूंक दी आपने प्रेरित कर।
अब वादा करते हैं हम आपसे मिटाएंगे ये corona का डर,
अब इस महामारी की मृत्यु को शिकस्त दे कर ही जाएंगे हम अपने घर।
धन्यवाद हम भी करते आप सब सेना और अन्य देश जनों का,
कभी ना हम भूल पाएंगे आपके इस असीम प्यार भरे क्षणों का।
इस प्यारे अभियान से आपने ताज़ा किया है हमारे वैद्य शापत का,
अपार शक्ति भी मिली है हमें अपने कर्म से देश की सेवा करने का।
With deep gratitude to all,
By Dr. Avinash Salgar
Written on an unforgettable day - TODAY
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