जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
हृदय कमल वासे श्री मूला रामा
मुख जपित असे श्री हरी नामा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
सदा माघे ऊभा देवा हयग्रीवा
अभय देईत असे लक्ष्मी नरसिम्हा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
वेद शास्त्र निपुण तुमि बोधपूर्णा
जगात आनंद भरिता वाज़वूनी वीणा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
ज्ञान आरोग्य देवुनि कृपा दृष्टि ठेवा
सदा उद्धार करा अनुग्रही देवा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
Wrote & Offered at Lord Shri Guru Raghavendra's feet on 22/09/2014 after the goshala seva with reverence.
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
हृदय कमल वासे श्री मूला रामा
मुख जपित असे श्री हरी नामा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
सदा माघे ऊभा देवा हयग्रीवा
अभय देईत असे लक्ष्मी नरसिम्हा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
वेद शास्त्र निपुण तुमि बोधपूर्णा
जगात आनंद भरिता वाज़वूनी वीणा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
ज्ञान आरोग्य देवुनि कृपा दृष्टि ठेवा
सदा उद्धार करा अनुग्रही देवा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा
गुरु सार्वभौम देवा-स्वरूपा।
जय जय आरत तुझी राघवेन्द्रा।
Wrote & Offered at Lord Shri Guru Raghavendra's feet on 22/09/2014 after the goshala seva with reverence.
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