नेक इरादे वाले कभी मरते नहीं
दुखों का अनगिनत पहाड़ भुजाओं पर है
तिरस्कार हर राह पर हजारों बार मिला है
डर हर तरफ से झिंझोड़ चुकी है
मंजिल आते आते रास्ते दूर हुई है
सन्नाटे में एक ध्वनि राहत लाती है
अकेलेपन में किसका साथ रौनक लाती है
गुमराह जिंदगी में सुझाव दिशा देती है
लोगों की खुशी मन को ताकत देती है
इस शरीर को रोकने बहुत सी बाहरी ताकते है
लेकिन इस शरीर को चलाने वाला अंदर निवासी है
ऐ दोस्त पक्के इरादे हैं तो मरने से क्यों डरना है
क्योंकि मंजिल को पाने तक आत्म जिंदा रहती है
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